किसने छेड़ा युद्ध गगन में, किसकी शामत आई है। काले मेघों की सेना लेकर, अम्बर पर की चढ़ाई है। किसने किया सूरज को कैद, कौन तलवारे चमकाता है। कौन आज गरज-गरज कर किसको यूँ धमकाता है। अम्बर आज कुरुक्षेत्र बना है, रक्त से धरा भीगी जाती है। धरती ने ली काली का स्वरूप, सारे रक्त पीती जाती है। इन्द्रधनुष को तनता देख, मेघ डर के भाग रहें। डर के अब तक कहाँ छुपा था सुरज, देख पौधे तुझे धिक्कार रहें। ambar mein yuddha #rainpoetry #baaris