White दशहरा का तात्पर्य, सदा ही होती सत्य की जीत, ये है एक वो दिन जिस दिन अत्याचार मिटा, जब श्रृष्टि से अंधकारों का एक दौर था खत्म हुआ, छल,कपट, क्रोध, घमंड, अत्याचार का था नाश हुआ, श्री राम बने थे भगवान तभी जब इस जग का था कल्याण हुआ, उस युग के रावण को तो उस युग में ही मार दिया, पर आज के युग के रावण का कैसे हो संहार भला, हर बार जलाते रावण को हैं पुतलों को बना बना, पर अपने अंदर के छल, द्वेष, कपट, कटुता, क्रोध रूपी रावण का, ना जाने क्यों न दुनिया फूंके पुतला भला, सही मायने में दशहरा उस दिन मनाना उचित होगा, जिस दिन अपनेअंदर बैठे रावण को, अपने ही अंदर बैठे सत्य सनातन न्याय रूपी, श्री राम को जगा के उस रावण का वध होगा... 🙏 आप सभी छल,कपट,अन्याय, द्वेष से दूर रहें इस दशहरा प्रभु श्री राम और माता रानी आपको एक सच्ची दिशा दें, आप और आपके परिवार को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🥰 #शिवेन्द्र नाथ गुप्ता 'शिव' ©Shivendra Gupta 'शिव' #Dussehra Hinduism poetry quotes poetry