कंकड़ पात्थर जोडि के, मस्जिद लई बनाय। तां चढ़ मुल्ला बांग दे, क्या बहरा हुआ खुदाय।। पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। .......क्रांतिकारी कबीर ©Vijay Vidrohi #Kabirkedohe