सोचता🤔 था उनकी महफ़िल👥 में हमारा कोई काम 👎नहीं गौर किया🤨 तो मालूम 😏हुआ हम भी आदमी आम 😎नहीं खुद से पूछता🗯️ हूं हम नज़रे👁️👁️ झुकाकर 😣क्यों बैठे हैं यहां लफ्ज़ों से मदहोश🤗 कर दे वो क्या शिकल ए जाम🍾🍷 नहीं 💖💖💖💖कवि कुलदीप डीगवाल 💖💖💖💖 🌺🌺🌺🌺🌺महफ़िल🌺🌺🌺🌺 #nojotohindi #nojotoapp #nojoto #kavikuldeepdigwal #shayri #poem #poetry