तन्हा हूं इसलिए किसी को धोखा नहीं दिया ऐसा नहीं है की मैंने किसी से प्यार नहीं किया दिल्लगी का आलम ही ऐसा था उस पल उसको चाहते हुए भी हम ने इजहार नहीं किया क्या क्या गुजरा था मेरे दिल पर मत पूछो उससे इश्क था मुझको पर मैंने कुछ नहीं किया जातें हुए उसने मुझको पलट कर देखा बार बार हम इतने मजबूर थे की उसका जवाब तक नहीं दिया प्यार करने से अच्छा हैं उसने कहा तन्हा रहा जाए आरिफ अपनी जिंदगी हैं किसी से प्यार नहीं किया तन्हा हूं इसलिए किसी को धोखा नहीं दिया ऐसा नहीं है की मैंने किसी से प्यार नहीं किया दिल्लगी का आलम ही ऐसा था उस पल उसको चाहते हुए भी हम ने इजहार नहीं किया क्या क्या गुजरा था मेरे दिल पर मत पूछो उससे इश्क था मुझको पर मैंने कुछ नहीं किया