शहरों में निदें क्यों उड़ जाती हैं? क्यों की व्यस्त है लोग यहां किसी नए की तलाश में तो कोई व्यस्त है रात का सहारा लेकर अपने टूटे दिल के समझाने में। कोई बुन्न रहा होता है रात को खुली आंखों से ख़्वाब तो किसी की निंदे उड़ी है किसी से मिलने की चाहत में। तो कोई निंदे गवाएं खोज रहा है एक साथी हमसफ़र - हमराज। तो किसी की निंदे उड़ी है चिंता में की केसे बीतेगा समय शहर में। बीन परिवार। शहरों में निंदे क्यों उड़ जाती हैं। #nojoto