जी में आता है कहीं दूर अकेले में बैठ कर तेरा ध्यान लगाऊं। करके बंद आँखों को तेरी सूरत में कुछ इस तरह मैं खो जाऊं। रहूं ना मैं फिर मैं तूँ रहे मेरे सामने मैं हस्ती मिटा के तेरा हो जाऊं। मैं तेरा हो जाऊं