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जब जब मां तितली से बातें करती थी तब वो खुले आसमान

जब जब मां तितली से बातें करती थी
तब वो खुले आसमान से रूबरू होती थी
तितली उड़ जाती थी मां की प्यारी उंगली छोड़कर
वहीं तितली अब दोबारा पास नहीं आएगी 
हर तितली को मां भीगी पलकों से बिदा करती रही
एक बार मैंने मां से पूछा कि ,"मां, तुम्हें तितली इतनी क्यूं पसंद है"?
मां ने कहा ,
"वो स्वतंत्र जो होती है"

फिर साल गुजरते रहे
बड़े संघर्ष के बाद
एक दिन मैं 
अपनी नौकरी का 
ओर्डर लेके मां के पास ग‌ई
मां ने पूछा " कैसी है तु"?
मैंने कहा " तितली बन गई हूं"....
-Falguni Shah © #मीरां #Nojoto  #nojotohindi #hindipoetry  #shayari #microtale #hinidikavita #hindinama #followers #स्वतंत्र
जब जब मां तितली से बातें करती थी
तब वो खुले आसमान से रूबरू होती थी
तितली उड़ जाती थी मां की प्यारी उंगली छोड़कर
वहीं तितली अब दोबारा पास नहीं आएगी 
हर तितली को मां भीगी पलकों से बिदा करती रही
एक बार मैंने मां से पूछा कि ,"मां, तुम्हें तितली इतनी क्यूं पसंद है"?
मां ने कहा ,
"वो स्वतंत्र जो होती है"

फिर साल गुजरते रहे
बड़े संघर्ष के बाद
एक दिन मैं 
अपनी नौकरी का 
ओर्डर लेके मां के पास ग‌ई
मां ने पूछा " कैसी है तु"?
मैंने कहा " तितली बन गई हूं"....
-Falguni Shah © #मीरां #Nojoto  #nojotohindi #hindipoetry  #shayari #microtale #hinidikavita #hindinama #followers #स्वतंत्र