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#OpenPoetry खामियां मुझ में कुछ ज़्यादा है, किसी के

#OpenPoetry खामियां मुझ में कुछ ज़्यादा है,
किसी के आँसु मुझ से देखे नही जाते,
चाहे वो झुटे हो या, 
किसी को बेवकुफ बनाने के लिये.
❣️

©shayari by Sanjay T #lifeparHindishayari || #shayaribySanjayT
#OpenPoetry खामियां मुझ में कुछ ज़्यादा है,
किसी के आँसु मुझ से देखे नही जाते,
चाहे वो झुटे हो या, 
किसी को बेवकुफ बनाने के लिये.
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©shayari by Sanjay T #lifeparHindishayari || #shayaribySanjayT