गुमसुम होती मुस्कुराहटों के पीछे दिमाग़ का हाथ है। दिल..ये दिल दीवाना तो आज भी मुस्कुराहटों का घाट है। जब दिखाने लगे चतुराई और सहूलियतों की फ़िराक़ में रहे... समझौता बनाके ज़िन्दगी को... लगा दी उसकी बाट है। वरन जो मन मौजी हैं उनके तो आज भी ठाठ हैं। ♥️ Challenge-679 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।