"संघर्ष पहचान के लिए" Dedicating a #testimonial to Vivek Raj PARAKH ये कविता है एक ऐसे शख़्स पर जो है सबके चहेते चित्रकार ,कवि विवेक राज परख असंख्य हुंकार_ए_वेदनाओं के आगोश में जन्मा एक शिशु (ज्येष्ठ १८/१९९४) विश्व से अनजान वो शरारत_ए_शरताज