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तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, तुम सुनो तो बत

तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे,   तुम सुनो तो बताऊँ जज़्बात क्या थे,

जलते-तड़पते ही मैं भाग रही थी सड़क पर,
तब ये सियासत के सरताज कहाँ थे?

मेरी आत्मा बता रही थी जब अदालत में सच चिख-चिखकर,
तब ये कानून के क़िताब कहाँ थे?

खैर छोड़ो अब मैनें छोड़ दी है ये बेरहम दुनियाँ,
जहाँ अपराधियों से ज्यादा पीड़ित ही गुनाहगार थे।
(UnnavPidita)
😔☹😔 #श्रदाँजलि to Unnav pidita
तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे,   तुम सुनो तो बताऊँ जज़्बात क्या थे,

जलते-तड़पते ही मैं भाग रही थी सड़क पर,
तब ये सियासत के सरताज कहाँ थे?

मेरी आत्मा बता रही थी जब अदालत में सच चिख-चिखकर,
तब ये कानून के क़िताब कहाँ थे?

खैर छोड़ो अब मैनें छोड़ दी है ये बेरहम दुनियाँ,
जहाँ अपराधियों से ज्यादा पीड़ित ही गुनाहगार थे।
(UnnavPidita)
😔☹😔 #श्रदाँजलि to Unnav pidita