आज भी याद आता है वो पहली बार दीदार तेरा, एक अजनबी पे कैसे ये दिल कर बैठा ऐतबार मेरा, एहतियात तो बहुत की तुझको नजरअंदाज करू, पर दिल शायद ना सह पाया नज़रों का कातिल वार तेरा।। पहली दफा।।