गमों के दौर में हंसना हँसाना छोड़ देंगे क्या? अगर आँखें हैं नम तो मुस्कुराना छोड़ देंगे क्या? जिन्हें बस्ती जलानी है उन्हें हमने बताया है, तुम्हारे डर से हम दीपक जलाना छोड़ देंगे क्या? मियां जी थूक कर बोले कसम कत्थे की चूने की, तुम्हारे खौफ से हम पान खाना छोड़ देंगे क्या ? अगर मोदी कहें अब हाथ मुंह धोकर ही खाना है, विरोधी अंध सारे मुंह से खाना छोड़ देंगे क्या, #मोदी_का_भारत