ना होते मेरे गालों पे डिम्पल, बस तिल के है निशाँ... हँसती हूँ जब-जब खिल जाती गुलाबों की पंखुड़ियां! ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।