दस्तक देकर मेरे दरवाजे पर तुम कहा चले गये कैद करके मेरे दिल को मुझे कैसे भुला गये . . . मुझे पागल केहकर तुम खुद खफा हो गये गुनाहगार मुझे बताकर खुद बेवफा हो गये . . . इश्क कि समंदर मोहब्बत-ए-अश्क कहा गुम हो गये हर बात पर तेरी याद दिलाने वाले वो सपने सब चुर हो गये . . . #काकडे दस्तक