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मैं जानता हूँ की तुम बिखरी हूँ, पर तुम संवर सकती ह

मैं जानता हूँ की तुम बिखरी हूँ, पर तुम संवर सकती हो!
तुम्हारे टूटे दिल की दीवारों को उम्मीदों से भरा जा सकता है !
इसकी बुनियाद अभी जो कायम है!
हज़ार ठहाकों के बीच मैं तुम्हारी फीकी हंसी पहचान लेता हूँ !
कि हाँ तुम्हे ज़रुरत नही है मेरे सामने यूँ हंसी का मुखोटा पहनने की,
तुम रो सकती हो, 
मैं बैठूंगा तब तक जब तक तुम्हारा हर दर्द बह नहीं जाता!
तुम्हारे ये जो आंसू बात बात पर निकल जाते हैं, 
मुझे कोशिशें करनी हैं कि ये यूँ ज़ाया ना हो,
कि मुझे कीमत है इनकी!
मैं नहीं पूछुंगा तुमसे कोई सवाल ना कोई जवाब चाहूंगा ,
बस चाँद किरणे तुम्हारी झोली में रख दूंगा,
कि मुझे तुम्हारी उदासियाँ लेनी है इनके बदले में!
कि तेरे दामन पर लगी स्याही दिखती है मुझे, 
मैं आँखें बंद नहीं करना चाहता उसे देखकर, 
मैं उसके आस पास रंग भरना चाहता हूँ जो वो स्याही सतरंगी आसमान लगे, 
ताकि तुम्हे उसे पहनने में हिचक ना हो ,
क्योंकि मैं तो उस बिखरी स्याही में तुम्हे ढूंढ चूका हूँ!
तुम कहती हूँ तुम्हारी आँखों में चमक नहीं है, 
पर मैं उस काल घनी रात में भी तुम्हारी आँखों की नमी से तुम्हे पहचान लेता हूँ!
की हाँ है खूबसूरत खुशमिज़ाज़ चेहरे बहुत यहाँ,
पर मुझे तुम पसंद हो!
जो तुम नमी हो, बेक़रार हो पर इश्क़ हो!
जो तुम दर्द हो, दरार हो पर इश्क़ हो! #yqdidi#love letters#life
मैं जानता हूँ की तुम बिखरी हूँ, पर तुम संवर सकती हो!
तुम्हारे टूटे दिल की दीवारों को उम्मीदों से भरा जा सकता है !
इसकी बुनियाद अभी जो कायम है!
हज़ार ठहाकों के बीच मैं तुम्हारी फीकी हंसी पहचान लेता हूँ !
कि हाँ तुम्हे ज़रुरत नही है मेरे सामने यूँ हंसी का मुखोटा पहनने की,
तुम रो सकती हो, 
मैं बैठूंगा तब तक जब तक तुम्हारा हर दर्द बह नहीं जाता!
तुम्हारे ये जो आंसू बात बात पर निकल जाते हैं, 
मुझे कोशिशें करनी हैं कि ये यूँ ज़ाया ना हो,
कि मुझे कीमत है इनकी!
मैं नहीं पूछुंगा तुमसे कोई सवाल ना कोई जवाब चाहूंगा ,
बस चाँद किरणे तुम्हारी झोली में रख दूंगा,
कि मुझे तुम्हारी उदासियाँ लेनी है इनके बदले में!
कि तेरे दामन पर लगी स्याही दिखती है मुझे, 
मैं आँखें बंद नहीं करना चाहता उसे देखकर, 
मैं उसके आस पास रंग भरना चाहता हूँ जो वो स्याही सतरंगी आसमान लगे, 
ताकि तुम्हे उसे पहनने में हिचक ना हो ,
क्योंकि मैं तो उस बिखरी स्याही में तुम्हे ढूंढ चूका हूँ!
तुम कहती हूँ तुम्हारी आँखों में चमक नहीं है, 
पर मैं उस काल घनी रात में भी तुम्हारी आँखों की नमी से तुम्हे पहचान लेता हूँ!
की हाँ है खूबसूरत खुशमिज़ाज़ चेहरे बहुत यहाँ,
पर मुझे तुम पसंद हो!
जो तुम नमी हो, बेक़रार हो पर इश्क़ हो!
जो तुम दर्द हो, दरार हो पर इश्क़ हो! #yqdidi#love letters#life
khwabeeda1737

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