खता थी उसकी की तिरंगा था हाथ में, गलती हुई भारत माता की जय थी ज़ुबाँ पे, देश के गद्दारों से देखा न गया मंज़र फूटी आँख से, सरकारे देश की मौन रह गयी "चंदन" की शहीदी पे, सबक ऐसा सीखना था घर मे छुपे आतंकियो को, की नाम सुन "चंदन" का रूह तक कांप जाती इनकी जहांन्नुम में। ये कविता लिखी है मैंने चंदन की शहादत पे, जिसकी हत्या सिर्फ इसलिए कर दी कि उसके हाथों में तिरंगा था। #yqbaba #yqhindi #yqdidi #chandan #death #brave #amar #yqquotes