#OpenPoetry इंतेहा-ए-इंतज़ार कि कैफियत भी देखी जाए, ज़रा आज उनकी मसरूफियत भी देखी जाए, हम इंतज़ार की इंतेहा तक इंतज़ार में बैठे हैं, और उन्हें देखिये, वो कहीं दूर मेरे रकीब के पहलू में बैठे हैं।। शनाया🌞 #OpenPoetry #Nojoto #Nojotohindi #Nojotourdu #Nojotofamily #Nojototeam