तेरा मुंतजिर हूं मैं,सदियों से, हमेशा अज़ग़ासे अहलाम में रहता हूं, तू प्यार से छू कर हमें,अपने प्यार से मुतआरिफ करा दे। मुंतजिर: प्यासा अज़ग़ासे अहलाम: ऐसा स्वपन जिसका फल ठीक से बताया ना जा सके मुतआरिफ: परिचित दिल की बातें दिल ही जानें #intezaar #waqtkibaat #dostiyaari #lovequotes #cinemagraphcollab #रातकाअफ़साना #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi