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#OpenPoetry वो आज लड़ भी जायेंगे वो आज मर भी जाएंग

#OpenPoetry वो आज लड़ भी जायेंगे 
वो आज मर भी जाएंगे
वो खून भी बहाएँगे
वो जानें दुश्मन की जान बूझ कर लुटाएंगे
क्योंकि धर्म का मामला है!!!!

वो बलि भी चढ़ाएँगे
फिर लहू का सेलाब भी ले आएंगे 
जाने कितनो को सताएंगे
आखिर धर्म का मामला है!!!

कौन बच्चा?
कौन माँ?
कौन पिता?
कितना प्यार?
वो सबके लिए अंधे हो जाएंगे
आखिर क्यों न हो??
धर्म का मामला है!!!!

धर्म पे लड़ने वालो 
मेरा एक सवाल है तुमसे
कौन से धर्म की 
कौन सी किताब में
कौन से भगवान 
कौन से अल्लाह और,
कौन से इसाई ने लिखा है
की धर्म इंसानियत से बढ़ कर है?
तुम हिन्दू हो,‌ मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो 
क्युकी तुम इंसान हो
इज़्ज़त इंसानियत की करो ....
हैवानियत तो अब जनवरो म भी नहीं बची ।। DHARM KA MAAMLA HAI!!
वो आज लड़ भी जायेंगे 
वो आज मर भी जाएंगे
वो खून भी बहाएँगे
वो जानें दुश्मन की जान बूझ कर लुटाएंगे
क्योंकि धर्म का मामला है!!!!

वो बलि भी चढ़ाएँगे
#OpenPoetry वो आज लड़ भी जायेंगे 
वो आज मर भी जाएंगे
वो खून भी बहाएँगे
वो जानें दुश्मन की जान बूझ कर लुटाएंगे
क्योंकि धर्म का मामला है!!!!

वो बलि भी चढ़ाएँगे
फिर लहू का सेलाब भी ले आएंगे 
जाने कितनो को सताएंगे
आखिर धर्म का मामला है!!!

कौन बच्चा?
कौन माँ?
कौन पिता?
कितना प्यार?
वो सबके लिए अंधे हो जाएंगे
आखिर क्यों न हो??
धर्म का मामला है!!!!

धर्म पे लड़ने वालो 
मेरा एक सवाल है तुमसे
कौन से धर्म की 
कौन सी किताब में
कौन से भगवान 
कौन से अल्लाह और,
कौन से इसाई ने लिखा है
की धर्म इंसानियत से बढ़ कर है?
तुम हिन्दू हो,‌ मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो 
क्युकी तुम इंसान हो
इज़्ज़त इंसानियत की करो ....
हैवानियत तो अब जनवरो म भी नहीं बची ।। DHARM KA MAAMLA HAI!!
वो आज लड़ भी जायेंगे 
वो आज मर भी जाएंगे
वो खून भी बहाएँगे
वो जानें दुश्मन की जान बूझ कर लुटाएंगे
क्योंकि धर्म का मामला है!!!!

वो बलि भी चढ़ाएँगे