प्यारे पापा,
आप चले गए अपनी मेघ को और हम सबको छोड़कर हमेशा के लिए और जाते जाते मेरी सारी अच्छाई, नेकी, इंसानियत भी लेकर चले गए। क्या मिला आपको? नौ महीने की तड़प और फ़िर मौत? क्या अच्छा करने वालों का अंत ऐसा होता है पापा? मैंने आपके जैसा इंसान अपनी अब तक की ज़िन्दगी में कभी भी नहीं देखा, जिसने अपनी ज़िन्दगी सिर्फ़ अपने परिवार के लिए ही नहीं बल्कि हर उस इंसान के लिए जी जिससे जिससे वो जुड़ता गया, सबके दुख में आप रहे पापा, मैंने ख़ुद देखा, लेकिन जब आप पर विपदा आई तो कोई झाँकने भी नहीं आया। नहीं बनना पापा आ #प्यारेपापा#nazarbiswas#मेघकेपापा