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महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ प्रचंड हाहाकार मच जाए

महादेव मलय  ऐसी झकझोर चलाओ 
प्रचंड हाहाकार मच जाए 
मृत्यु बांध घुंघरू पग में 
नाचे कुछ ऐसा जग में 
पापीयों की बस्ती मिट जाए 
न्याय का डंका कुछ ऐसा बाजे 
मक्कारो की हस्ती मिट जाए 
प्रेम प्रसंग को माना जिसने विकल्प मात्र 
उनके नयनों से अश्रु के बादल पिट जाए 
दिल में क्रंदन में भर जाए 
पर आंखों में उनके आंसू ना आए 
महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ 
मै भी ‌लुट जाउ इसमें मेरी कस्ती डुब जाए 
जिन जिन के जीने से बोझिल हो रही मानवता 
उन सब की बस्ती डुब जाए । महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ
महादेव मलय  ऐसी झकझोर चलाओ 
प्रचंड हाहाकार मच जाए 
मृत्यु बांध घुंघरू पग में 
नाचे कुछ ऐसा जग में 
पापीयों की बस्ती मिट जाए 
न्याय का डंका कुछ ऐसा बाजे 
मक्कारो की हस्ती मिट जाए 
प्रेम प्रसंग को माना जिसने विकल्प मात्र 
उनके नयनों से अश्रु के बादल पिट जाए 
दिल में क्रंदन में भर जाए 
पर आंखों में उनके आंसू ना आए 
महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ 
मै भी ‌लुट जाउ इसमें मेरी कस्ती डुब जाए 
जिन जिन के जीने से बोझिल हो रही मानवता 
उन सब की बस्ती डुब जाए । महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ

महादेव मलय ऐसी झकझोर चलाओ #कविता