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हवा कोई तूफान और न लाए। मैं एक जीराग हूं मुझे न बु

हवा कोई तूफान और न लाए।
मैं एक जीराग हूं मुझे न बुझाए।
सफर की सबक चेहरे में धूल है।
अब कोई इसे आईना न दिखाए।
गजा तो  मिलती है मेहमानी में।
मगर सुकून घर मे है बाहर न जाए।

©Zia Hasan
  #raindrops  irslan khan Author Shivam kumar Mishra Swati Srivastava BOND Ravi singh007 Monu Kumar