दस्तक देते हांथ थके, दरवाज़ा न खोला उसने.... मैं बाहर खड़ा सदाएं देता रहा, एक लफ़्ज़ अंदर से न बोला उसने...... दस्तक देते हांथ थके, दरवाज़ा न खोला उसने.... अपने मन के गुरूर को, मेरे जज़बातों को तोला उसने...... दस्तक देते हांथ थके, दरवाज़ा न खोला उसने.... #Knock#Hands#Tired#Door#Word#Ego#Feelings.....