Nojoto: Largest Storytelling Platform

Life Like हुबाब-आसा में दम भरता हूँ तेरी आश्नाई का

Life Like हुबाब-आसा में दम भरता हूँ तेरी आश्नाई का
निहायत ग़म है इस क़तरे को दरिया की जुदाई का

असीर ऐ दोस्त तेरे आशिक़ ओ माशूक़ दोनों हैं
गिरफ़्तार आहनी ज़ंजीर का ये वो तिलाई का

त'अल्लुक़ रूह से मुझ को जसद का ना-गवारा है
ज़माने में चलन है चार दिन की आश्नाई का

फ़िराक़-ए-यार में मर मर के आख़िर ज़िंदगानी के
रहा सदमा हमेशा रूह ओ क़ालिब की जुदाई का

हुई मंज़ूर मुहताजी न तुझ को अपनी साइल की
बनाया कासा-ए-सर वाज़गूँ कासा गदाई का

नज़र आती हैं हर-सू सूरतें ही सूरतें मुझ को
कोई आईना-ख़ाना कार-ख़ाना है जुदाई का

विसाल-ए-यार का वा'दा है फ़र्दा-ए-क़यामत पर
यक़ीं मुझ को नहीं है गोर तक अपनी रसाई का

भरोसा आह पर हरगिज़ नहीं ऐ यार आशिक़ को
शिकार अब तक कहीं देखा नहीं तीर-ए-हवाई का

दिखाया हुस्न से एजाज़-ए-मूसी किल्क-ए-क़ुदरत ने
यद-ए-बैज़ा बनाया चूर अंगुश्त-ए-हिनाई का

नहीं मिटती है पत्थर की लकीर अहबाब कहते हैं
रहेगा पा-ए-बुत पर नक़्श अपनी जब्हा-साई का

शिकस्त-ए-ख़ातिर-ए-अहबाब होती है दुरुस्त इस से
तवज्जोह में तिरी ऐ यार असर है मोम्याई का

दिल अपना आईना सा साफ़ इश्क़-ए-पाक रखता है
तमाशा देखता है हुस्न इस में ख़ुद-नुमाई का

कफ़-ए-अफ़्सोस मलवाती है तेरी पाक-दामानी
पिन्हा कर शाहिद-ए-इस्मत को जामा पारसाई का

नहीं देखा है लेकिन तुझ को पहचाना है 'आतिश' ने
बजा है ऐ सनम जो तुझ को दावा है ख़ुदाई का

©Jashvant
  Gazal  Raj Guru Arun Raina ADV.काव्या मझधार Jaimal Singh Rajput Mahira Khan. shayri lover