पिता बदनसिंह माँ देवकी थे एड़ा पुत जण्या, बिकण लागी थी इज्जत जब बेटियों री बाजार में, उण टेम सूरज निकळया जळती धरती री लाय से, घणा वीर हा बालपणा सूं जनम्या इण धरा ने बचावण ने। अंग्रेज झुक्या, मुगल झुक्या, गगन झुक्या उण रे आगे सारा, हिंदुस्तान रो शीश न झुकणे दियो रे वीर सूरजमल म्हारा, इतिहास गवाह थारा रे सूरजमल म्हारा। तूने हिंदुस्तान री लाज बचावण खातर दिल्ली तक झंडा गाड़या, तनै ललकारण आळा सब बिच में छोड़ छाड़कर भागया, रै थे लड़या घणा, रै थे तप्या घणा अपणा हिंदुस्तान बचावण खातर, रै रण में पाणी ज्यूं लहू बहाया, हिंदुस्तान री शान बचावण खातर, भरतपुर रे लोहागढ़ रे किले में ना पग किसी रा टिक पाया, थे इतणा घणा दानी था के कोई रीछ नी कर पाया । इयों तो संगरळा मेळा लाग्या रे ही इण दुनिया में आणा जाणा, पण म्हारा सूरजमल थारे जेड़ा दूजा कोई न आणे वाळा, आज इण बात रो घणों ही दु:ख है म्हारे हिया में, कि आज रा टाबर कोई थारा नाम तक ना जाणा, पण टाबरों री कोई गळती कोनी सूरज म्हारा, इत रोज चरचा होवे उण अंग्रेजों और मुगलों रा। है पुकार संगळा मात-पिता से के टाबरों ने टीवी, मोबाईलों रा रैनल थे थोड़ा दिखावो, इण वीर सपूतों री शौर्य गाथाओं री कहानियां थे सुणावो, इत संगळा मुगल, गुलाम, तुगलक, लोदी रा गुणगान घणा ही गावै, पण के फायदा एड़ी गाथाओं रा जद म्हारे सूरवीर सूरमल रा नाम ना आवै । थाने धर्मरक्षक री मिळी उपाधि थे हिंदूत्व री बणया आवाज, दो हाथोऊं थे तलवार उठाई जिण कारण स्वर्ग बंणग्या था ब्रजराज, 7 फिट थारी लम्बाई, ढेड सौ किलो था थारा भार और कद थारा पूरा सात, नमन म्हे थाने करों ऐ देवकी लाल, थे जण-जण रे हियें री बणया आवाज। --Vimla Choudhary 13/2/2021 ©vks Siyag #WallTexture #poem #deshkeveer #MaharajaSurajmaljaat #Jaynati #13/2/2021 #VimlaChoudhary 😍😍😍🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏