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* मैं पँछी प्रेम का, छत से उड़ा के लोट आया सोई हुई

* मैं पँछी प्रेम का, छत से उड़ा के लोट आया
सोई हुई थी तमन्ना, जगा के लोट आया
* जब चल रही थी इश्क़, की हवा उनकी ऒर
मैं अपना ख़त, हवा में उड़ा के लोट आया
* ये मेरा जुनून ए इश्क था और कुछ भी नही
बंदा में जमीं का,आसमां हिला के लोट आया
* बनाया शाहजहां ने ताज था मोह्हबत में
मैं अपने नाम, का ताला लगा के लोट आया
* मैं पँछी प्रेम का, छत से उड़ा के लोट आया
सोई हुई थी तमन्ना, जगा के लोट आया
* जब चल रही थी इश्क़, की हवा उनकी ऒर
मैं अपना ख़त, हवा में उड़ा के लोट आया
* ये मेरा जुनून ए इश्क था और कुछ भी नही
बंदा में जमीं का,आसमां हिला के लोट आया
* बनाया शाहजहां ने ताज था मोह्हबत में
मैं अपने नाम, का ताला लगा के लोट आया
rohangupta3211

Rohan Gupta

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