मिट्टी से खुशबू आ रही थी मैंने फूल खिलते हुए देखा था कल मैंने धूल में बच्चों को खेलते हुए देखा था बचपन याद आ गया मुझे मेरा कागज की कस्तीया बनाया करते थे हाथों में लेकर कंचे बजाया करते थे मेरी तरह बिना वजह झगड़ते हुए देखा था कल मैंने धूल में बच्चों को खेलते हुए देखा था मुस्कान अनमोल थी उसकी ,सुकून बेतहाशा दे गई बचपन खो दिया मैंने सोचकर निराशा सी हो गई बचपन में खुद को बड़ा होते हुए देखा था कल मैंने धूल में बच्चों को खेलते हुए देखा था #bachpana #yaadein #zindagi #memory #nojotohindi #hindi #urdu #sad