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राजकुमारी और खरगोश (read in caption) एना सुंदरनगर

राजकुमारी और खरगोश
(read in caption) एना सुंदरनगर की राजकुमारी थी | उनके पापा यानि की महाराजा अग्रसेन उसकी शादी करवाना चाहते थे | पर वो उस शादी केे खिलाफ़ थी क्योंकि उसे अपने सपनों में एकदम मनमोहक राजकुमार दिखता वो उसे दिल दे बैठ़ी थी | उसे उस राजकुमार का इंतजार था पर यहाँ उसके पापा की शादी को लेकर  तैयारी देखकर वो भाग आई | 

               वो चलते चलते बहुत दूर आ गई थी जहाँ कोई नहीं दिख रहा था बस आस पास जंगल ही जंगल | वहाँ उसे एक झरोखा दिखा जहाँ वो अपना मुँह धोने और पानी पीने चली गई | रात के अँधेरे में भी उसे पर्वत की दीवारों पर कुछ चमकता दिखा | वो उसे छुने गई तो एक दरवाज़ा खुला और उसे एक अलग ही दुनिया में ले गया | उस जगह का नाम था ड्रीमलैंड | जहाँ हर एक कण-कण में बस ख़ूबसूरती ही ख़ूबसूरती थी ,ओह्हो! उफ्फ्फ! मतलब बता नहीं सकते उतनी ख़ूबसूरती | वो सब देखकर राजकुमारी को लगा कि वो जैसे परियों केे देश में ही आ गई हैं | वो हर चीजों को छुना चाहती थी महसूस करना चाहती थी | 

               उसे वहाँ बहुत ही ख़ूबसूरत और प्यारा सा खरगोश दिखा जो बिल्कुल मलमल की तरह नरम था | और उसे देखते ही राजकुमारी ने उसे आग़ोश में ले लिया और उसे चुम लिया | उस खरगोश से एना को इतना प्यार हो गया था कि आगे की यात्रा में भी उसे साथ ले गई |

                एना ने ड्रीमलैंड की ख़ूबसूरती का बहुत आनंद लुटा | उसने वहाँ एक चमकते जुगनूओं का मायाबी वृक्ष देखा जिसे देखकर वो रह नहीं पाई और उसे आग़ोश में लेने दौड़ लगाई | पर वो एक जादुगर केे माया जाल में फँस गई | वो उसके जेल में कैद हो गई थी | वो रोने लगी उसकी आँखों से आँसू टपक रहे थे | तभी वहाँ आया एक राजकुमार जो बिल्कुल एना के सपनों के राजकुमार की तरह ही दिखता था | उसने अपनी कलाकारी से जादूगर को हराया और एना को बचाया |
राजकुमारी और खरगोश
(read in caption) एना सुंदरनगर की राजकुमारी थी | उनके पापा यानि की महाराजा अग्रसेन उसकी शादी करवाना चाहते थे | पर वो उस शादी केे खिलाफ़ थी क्योंकि उसे अपने सपनों में एकदम मनमोहक राजकुमार दिखता वो उसे दिल दे बैठ़ी थी | उसे उस राजकुमार का इंतजार था पर यहाँ उसके पापा की शादी को लेकर  तैयारी देखकर वो भाग आई | 

               वो चलते चलते बहुत दूर आ गई थी जहाँ कोई नहीं दिख रहा था बस आस पास जंगल ही जंगल | वहाँ उसे एक झरोखा दिखा जहाँ वो अपना मुँह धोने और पानी पीने चली गई | रात के अँधेरे में भी उसे पर्वत की दीवारों पर कुछ चमकता दिखा | वो उसे छुने गई तो एक दरवाज़ा खुला और उसे एक अलग ही दुनिया में ले गया | उस जगह का नाम था ड्रीमलैंड | जहाँ हर एक कण-कण में बस ख़ूबसूरती ही ख़ूबसूरती थी ,ओह्हो! उफ्फ्फ! मतलब बता नहीं सकते उतनी ख़ूबसूरती | वो सब देखकर राजकुमारी को लगा कि वो जैसे परियों केे देश में ही आ गई हैं | वो हर चीजों को छुना चाहती थी महसूस करना चाहती थी | 

               उसे वहाँ बहुत ही ख़ूबसूरत और प्यारा सा खरगोश दिखा जो बिल्कुल मलमल की तरह नरम था | और उसे देखते ही राजकुमारी ने उसे आग़ोश में ले लिया और उसे चुम लिया | उस खरगोश से एना को इतना प्यार हो गया था कि आगे की यात्रा में भी उसे साथ ले गई |

                एना ने ड्रीमलैंड की ख़ूबसूरती का बहुत आनंद लुटा | उसने वहाँ एक चमकते जुगनूओं का मायाबी वृक्ष देखा जिसे देखकर वो रह नहीं पाई और उसे आग़ोश में लेने दौड़ लगाई | पर वो एक जादुगर केे माया जाल में फँस गई | वो उसके जेल में कैद हो गई थी | वो रोने लगी उसकी आँखों से आँसू टपक रहे थे | तभी वहाँ आया एक राजकुमार जो बिल्कुल एना के सपनों के राजकुमार की तरह ही दिखता था | उसने अपनी कलाकारी से जादूगर को हराया और एना को बचाया |
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jagruti vagh

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