Unsplash सजना सँवरना तेरा, आकर्षित करता है मन को..! रूह खिल जाती है, हर्षित करती है तन को..! तेरी बातें हसीं मुलाक़ातें, हरित करती हैं उपवन को..! मुस्कान तुम्हारी आमंत्रित, करती है जीवन को..! सुकून पहुँचाती अदायें तुम्हारी, इश्क़ में घिरे नैनन को..! दिल मेरा घर तेरा आरक्षित, अस्मित उदित करती चमन को..! ©SHIVA KANT(Shayar) #library #sajnasanwarnatera