शायर हूं बुरे इंसानों से नहीं बुरे हालातों से टकराऊंगा तुम बस फिजूल में लड़ते रहो मैं अपनी शायरी से इन्कलाब ले आऊंगा आयुष कुमार गौतम शायरी से इन्कलाब ले आऊंगा