ईश्वरीय वरदान प्राकृतिक मनोरम दृश्य का अवलोकन मन को दे सुकून व़ वैचारिक परिवर्तन हिय प्रस्फुटित नव उमंग हो मुदित मन सुखद अनुभूति व़ प्रफुल्लित वातायन पर्वतश्रृंखला,नदियां,सागर, वन्यजीवन सबमिलकर करते हैं धरा का आलिंगन ग्रीष्म,शरद, वर्षा,पतझड़,वसंत मौसम हरेक ऋतु पर प्रकृति का होता नियंत्रण सूरज,चन्द्रमा और तारें चमकते हैं गगन गेंदा, जूही, गुलाब फूलों से सजे उपवन दिन रात, सुबह-शाम का यहां हो मिलन सागर की उठती गिरती लहरें, वन सघन धरती से आकाश का होता कहीं मिलन गंगा,यमुना, सरस्वती नदियों का मिलन कहीं हरीतिमा तो कहीं रेत से पटे भुवन कहीं विषाद निर्झर कहीं खिलें हर्षसुमन अनुपम ईश्वरीय भेंट प्राकृतिक संसाधन सहेजकर रखें इसे तभी मिले नवजीवन आइए हम सब मिलकर लेते हैं यह प्रण पर्यावरण का करेंगे हम सदा ही संरक्षण ~~~ राजीव भारती गौतम बुद्ध नगर नोयडा (संप्रति) पटना बिहार (गृह नगर) ©Rajiv Ranjan Verma # ईश्वरीय वरदान # राजीव भारती #NatureLove