कुदेरकर अपना खून-पसीना बनाया जिसने ये शहर दौर-ए-आफत में वही हुआ नाचार करने में इनका जीवन-निर्वाह। नफ़्स को खुदा के अक़ीदा कर निकल पड़े है अग्निपथ पर अनाथ सी हयात में बन्द पड़ी है हिफाजत की सकल किवाड़। बसर के लिए खुद का बनाये है जो छपर बेवसी में बेचारो का ठाँव बना खुद का वही जीर्णद्वार। ✍️आशुतोष यादव #Struggle #कोरोना_का_कहर #कोरोना_त्रासदी #जीवन_की_लाली #तंगहाली_जीवन #दाने_को_मोहताज sheetal pandya मेरे शब्द Man ki awaj...