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शब-ए-माहताब में हमको, हिज़्र की बात अब रास न आती !!

शब-ए-माहताब में हमको,
हिज़्र की बात अब रास न आती !!

चाहूं कितना भी टूट कर तुझको ,
गम-ए-हस्ती ही है जो तू पास न आती !!

दौर-ए-जाम हो यारों के संग तो,
तेरी याद मुझे तो हर पल सताती !!

ख़ू-ए-यार बस है हक़ीक़त यही, 
बज़्म में अब भी आंख मेरी भर आती !

क़ासिद न अब कोई ' प्रमोद ' वरना,
अहद के बाद भी तू यूँ न भुलाती !! 

©® प्रमोद कुमार 'आर्य ' शब-ए-माहताब :- चाँद की रात
हिज्र :- जुदाई 
गम-ए-हस्ती :- जीवन का दुख
दौर-ए-जाम:- शराब का दौर 
ख़ू-ए-यार:- यार की आदत
 बज़्म - महफ़िल
क़ासिद:- संदेशवाहक 
अहद :- वादा
शब-ए-माहताब में हमको,
हिज़्र की बात अब रास न आती !!

चाहूं कितना भी टूट कर तुझको ,
गम-ए-हस्ती ही है जो तू पास न आती !!

दौर-ए-जाम हो यारों के संग तो,
तेरी याद मुझे तो हर पल सताती !!

ख़ू-ए-यार बस है हक़ीक़त यही, 
बज़्म में अब भी आंख मेरी भर आती !

क़ासिद न अब कोई ' प्रमोद ' वरना,
अहद के बाद भी तू यूँ न भुलाती !! 

©® प्रमोद कुमार 'आर्य ' शब-ए-माहताब :- चाँद की रात
हिज्र :- जुदाई 
गम-ए-हस्ती :- जीवन का दुख
दौर-ए-जाम:- शराब का दौर 
ख़ू-ए-यार:- यार की आदत
 बज़्म - महफ़िल
क़ासिद:- संदेशवाहक 
अहद :- वादा

शब-ए-माहताब :- चाँद की रात हिज्र :- जुदाई  गम-ए-हस्ती :- जीवन का दुख दौर-ए-जाम:- शराब का दौर  ख़ू-ए-यार:- यार की आदत  बज़्म - महफ़िल क़ासिद:- संदेशवाहक अहद :- वादा #ishq #Mohbbat