बहुत कुछ कहना भी था, हम क्यों है जुदा, ये भी तो पूछना था, पर कहाँ हो पाई ये खाव्हिसे पूरी, रह गई अधुरी दलीले मेरी। क्या कुछ नही सोचा था, हम बिछड़ेगे नही इसके लिए, दिल ने भी तो टोका था। पर क्या थे हम इतने बुरे, जो तुम आ ना सके मिलने। कभी-कभी हम लोगों से मिलना तो चाहते हैं मगर मिलते नहीं! #मिलनातोथा #collabchallenge #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi # yqdidi