बनारस में है आज.. आजादी का उत्सव कुछ यूँ मनाऊँ मैं अमृत महोत्सव हे हर तिरंगा ,घर घर तिरंगा अग्नि पथ से होकर अग्र तक तब मिले शायद मुझको राहत मरूँ मैं केशरी भगवे में प्रतिबिम्ब सदा , शक्ति और साहस चलूँ हमेशा.. स्वेत-पट्टिका धर्म चक्र बन प्रतिपल शांति और परम सत्य पथ और बिखरुं मातृ भूमि में रज कण बन पवित्र जीवन भाग्य मेरे , वृद्धि और ऊर्वरक न सर झुकाऊँ इन मक्कारी गद्दारों में चाहे दुनिया से हो जाऊँ रुखसत शरीर से मुक्ति तो.. फिर भी ठीक है लेकिन ठीक नहीं लाल कि बनें कायर पीठ न् दिखाऊँ गर छल्ली हो सीना मुश्किल है रूह का हमेशा के लिए जख्मी हो जीना..., आज छीन लो मुझसे मेरी दुनिया.. चाहे खींच लो मेरी सांस मेरी रूह से एक ही आवाज निकलेगी पूरा है विश्वास , है बस एक ही आस इन्कलाब जिंदाबाद , इन्कलाब जिंदाबाद #अमृतमहोत्सव #स्वतंत्रतादिवस- की हार्दिक शुभकामनाएं