कैसे ये बन्धन टूटे गें कैसे मैं छूट के आऊँगा, हालातों से लड़ते लड़ते इक दिन मैं टूट ही जाऊँगा, अपनी थमती साँसों को हर लम्हों में समझाऊँगा, मैं ज़िन्दा हूँ इसीलिए की तुमसे मिलनें आऊँगा, सिन्दूर महावर मेंहदी से तुम अपना साज करोगे, तुम मुझको याद करोगे, जब मुझको याद करोगे। Abhishek Singh #Love #Life #Rishta