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इंसान के हिस्से में कई बार बस उम्मीद ही रह जाती हे

इंसान के हिस्से में कई बार बस उम्मीद ही रह जाती हे 
जो उसे पहले से बेहतर करने का हुनर देती है 
कही असफ़लता आई हे
 तो उसे उम्मीद के सागर में घोल कर होसला बना !

 " करत करत प्रयास से चिंगारी रूपी विस्वाश पलता है.
 लोहा भी आग में जल क्र अपना आकर बदलता हे. " #Umeed 


 " #करत करत #प्रयास से #चिंगारी रूपी #विस्वाश पलता है. 
लोहा भी आग में #जल क्र अपना #आकर बदलता हे "
इंसान के हिस्से में कई बार बस उम्मीद ही रह जाती हे 
जो उसे पहले से बेहतर करने का हुनर देती है 
कही असफ़लता आई हे
 तो उसे उम्मीद के सागर में घोल कर होसला बना !

 " करत करत प्रयास से चिंगारी रूपी विस्वाश पलता है.
 लोहा भी आग में जल क्र अपना आकर बदलता हे. " #Umeed 


 " #करत करत #प्रयास से #चिंगारी रूपी #विस्वाश पलता है. 
लोहा भी आग में #जल क्र अपना #आकर बदलता हे "