रात खाली ख्वाब जगा देती है, करवट बदल जो रात बिता देती है, सबकुछ है पास मेरे दायरे में, फिर भी क्यों आंखो में नमी है, मुझसे पूछती है जिंदगी, किस चीज़ की कमी है। रोटी है कपड़ा है मकान आलीशान है, सोच है मन भी है, बाजुओं में अब भी जान है, सजा है मजा भी है,अंतिम रक्त पहचान है, प्रेम है विश्वास भी और खुद में सम्मान है, मुझसे पूछती है जिंदगी, किस चीज़ की कमी है। मेरे सामने हो और ओझल भी हो, भरे समाज का कसा तंझ भी हो, सपने सारे पूरे हुआ अधूरे ख्वाब भी है, मुझसे पूछती है जिंदगी, किस चीज़ की कमी है — % & मुझसे पूछती ज़िन्दगी है, किस चीज़ की कमी है... #किसचीज़कीकमी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqbhaskar