साँस आता रहा,साँस जाता रहा, मैं तुझे गीतों में गुन गुनाता रहा। जो मेरे मन मे था मैंने वो ना कहा, साँस आता रहा,साँस जाता रहा।। जो दिया तूने वो मैने सब कुछ सहा, हुआ मजबुर मैं लेकिन कुछ ना कहा। तेरे खातिर हूँ मैं तेरे दर पे खड़ा, है मोहब्बत का ये सिलसिला बड़ा।। साँस आता रहा,साँस जाता रहा, मैं तुझे गीतों में गुन गुनाता रहा।। #PJ