चलो आज अपना हुनर आज़माते हैं, उड़ती तीतलियों से घर सजाते हैं, गुमसूम से आसमां को फूलों से सजाते हैं। लिखकर इबादत धरा पर चलों इस खत को आसमां के पार पहूंचाते हैं। -Neha_Pandya #हुनर_आजमाते_है