क़ातिल कत्ल तो हमारा तभी हो गया था जब तेरी क़ातिल नज़र का शिकार हुए.. मगर अदालत ने इसे गुनाह मानने से इंकार किया कहा क़ातिल निगाह को संविधान हथियार नहीं मानता...