प्रश्न एक पूछा रब ने भेज मुझे फ़रमान अब तक कैसे कहते रहे, ख़ुद को हम इंसान भाई भी अब करता नहीं, भाई पर विश्वास बेटे से भी रही नहीं, मां बाप को कोई आस अपने तो सब दूर रहे, पराये खासमखास अपने ही कर रहे अपनों पर एहसान अब तक कैसे कहते रहे ख़ुद को हम इंसान। छोटी छोटी बातों पर, अब भाई बहन कब लड़ते हैं इतना भी तो समय नहीं, पास कहां अब रहते हैं मां बाप भी बच्चों को अब समय कहां दे पाते हैं स्कूल जाने के लिए अब बच्चे कब कुटे जाते हैं खेल खेल में आख़िर बच्चे उलझ क्यूं जाते हैं इंसानों के बीच में आख़िर क्यों पनप रहा शैतान अब तक कैसे कहते रहे ख़ुद को हम इंसान।✍️ "चंचल" #Nojoto #इंसान #Hindi Suman Zaniyan Manas shandilya