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बरसात में छाता तो साथ रखे हम मसला भींग जाने भर का

बरसात में छाता तो साथ रखे हम
मसला भींग जाने भर का नहीं है केवल
दुनिया की नजरों से छिप कर हाथों में हाथ रखे हम
जो जैसा है उसे उसके हाल पर छोड़ा जाए, 
बद है जिसका काम उसका क्या नाम रखे हम
दीये और हवा कर रहे हैं अपना अपना काम जब 
दूसरों से जलने वाला का क्यों ध्यान रखे हम 
अनदेखा किया जाए कुछ शब्दों का कुछ लोगों का 
नीयत खराब रखने वाले की नियति का क्या ध्यान रखे हम 





     ✒️ नीलेश सिंह
    पटना विश्वविधालय

©Nilesh
  #एहतियात