दिल कोई तहखाना है न जाने कितने अरमान, कितने दर्द लिए बैठा है बीते हुए लम्हें दूर से यूँ इशारे करते है,जैसे लौट आएंगे सारे खोये हुए नज़ारे भूले बिसरे चेहरे जो नज़रो से निहित है, दिल के दर्पण में वो आज भी साफ नज़र आते है बुझते हुए अहसास में जो प्रकाश बन कर शामिल है, जिसकी चमक से रौशनी अब तक दीदा-ओ-दिल है, यही तो गम का सरमाया मेरा हासिल है.. दिल कोई तहख़ाना है... #तहख़ाना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सुचितापाण्डेय #suchitapandey दिल कोई तहखाना है न जाने कितने अरमान, कितने दर्द लिए बैठा है बीते हुए लम्हें दूर से यूँ इशारे करते है,