राह तेरी मेरी थी पहले जुदा जुदा किस्मत ने फिर कर दिया राह मंजिल एक कितनी भी आए कांटे उलझने राह में सुलझाते गए हम खुद ही कुछ सुलझा दिया खुदा ने। ♥️ Challenge-625 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।