हिंदी दिवस हिंदी की कक्षा में बहुत कुछ सीखा था, सीखा था अक्षर ज्ञान और उन पर मात्रा लगाना। वर्णों को मिलाकर शब्द और शब्दों से वाक्य बनाना। शब्दार्थ भी किए याद, तब कहीं जाकर शुरू किया कठिन शब्दों को अपनाना। फिर सीखा शब्दों की संधि कराना। समझा समास फिर हमने, फिर देखा छंदों में काव्य का गुनगुनाना। काव्य पढ़-पढ़ कर समझा, अलंकारों का काव्य को सजाना। साथ ही गद्य के पाठों का पढ़ना व पढ़ाना। मुहावरों कहावतों से बातों को रोचक बनाना। इसी तरह बहुत कुछ सीखा गया, हिंदी की कक्षा में जाना। ए हिंदी तुझे बस इतना ही बताना, मातृभाषा हे तु हमारी, तुझे जितना भी जाना हमने कम जाना... हिंदी की कक्षा में बहुत कुछ सीखा था, सीखा था अक्षर ज्ञान और उन पर मात्रा लगाना। वर्णों को मिलाकर शब्द और शब्दों से वाक्य बनाना। शब्दार्थ भी किए याद, तब कहीं जाकर शुरू किया कठिन शब्दों को अपनाना। फिर सीखा शब्दों की संधि कराना। समझा समास फिर हमने, फिर देखा छंदों में काव्य का गुनगुनाना।