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ਤੂੰ ਪਰਾਇਆ ਕਰ ਗਿਆ एक और शाम ढल गई,एक और दिन ढल गया

ਤੂੰ ਪਰਾਇਆ ਕਰ ਗਿਆ एक और शाम ढल गई,एक और दिन ढल गया 
तेरे इंतजार में.. ये दिन भी निकल गया

ना आई तेरी खबर कोई, न पता तेरा कोई मिला
तड़प उठा ये दिल मेरा,एहसास कोई मचल गया 

कभी-कभी तो ये हवा,ले आई ‌थी‌ सदा तेरी
क्यों आज इन हवाओं में,धुआं धुआं सा घुल गया
 
खुली-खुली सी धूप थी,बरसात कैसे हो गई 
मौसम-ए-मिजाज क्यों,आज इतना बदल गया 

बेरुखी थी चेहरे पे, नमी - नमी सी क्यों हुई?  
शायद मेरी आंख से आंसू कोई फिसल गया

जरा जरा सी बात का मलाल कर गए हो तुम, 
नजदीकियां खत्म हुई,फांसलों का दौर चल गया

अभी भी मुलाकात की, मैं उम्मीद लिए बैठा हूं
कई‌ दिन गए,महीने गए, साल भी बदल गया
तेरे इंतजार में.. ये दिन भी निकल गया
M.k.rawat Neeraj Mishra Balwinder Pal manjot Shubh_writes Raushan Mishra
ਤੂੰ ਪਰਾਇਆ ਕਰ ਗਿਆ एक और शाम ढल गई,एक और दिन ढल गया 
तेरे इंतजार में.. ये दिन भी निकल गया

ना आई तेरी खबर कोई, न पता तेरा कोई मिला
तड़प उठा ये दिल मेरा,एहसास कोई मचल गया 

कभी-कभी तो ये हवा,ले आई ‌थी‌ सदा तेरी
क्यों आज इन हवाओं में,धुआं धुआं सा घुल गया
 
खुली-खुली सी धूप थी,बरसात कैसे हो गई 
मौसम-ए-मिजाज क्यों,आज इतना बदल गया 

बेरुखी थी चेहरे पे, नमी - नमी सी क्यों हुई?  
शायद मेरी आंख से आंसू कोई फिसल गया

जरा जरा सी बात का मलाल कर गए हो तुम, 
नजदीकियां खत्म हुई,फांसलों का दौर चल गया

अभी भी मुलाकात की, मैं उम्मीद लिए बैठा हूं
कई‌ दिन गए,महीने गए, साल भी बदल गया
तेरे इंतजार में.. ये दिन भी निकल गया
M.k.rawat Neeraj Mishra Balwinder Pal manjot Shubh_writes Raushan Mishra
mkrawat1507

M K Rawat

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