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दिल लुटाना नहीं हम पे,बस ग़म ही दो जिस्म-ओ-जान अब


दिल लुटाना नहीं हम पे,बस ग़म ही दो
जिस्म-ओ-जान अब तुम हमें कम ही दो

एक शरर ही है काफ़ी कि हो खाक़ सब
तुम मुझे बस ये नफ़रत का आलम ही दो।  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Mradul Joshi

दिल लुटाना नहीं हम पे,बस ग़म ही दो
जिस्म-ओ-जान अब तुम हमें कम ही दो

एक शरर ही है काफ़ी कि हो खाक़ सब
तुम मुझे बस ये नफ़रत का आलम ही दो।  #YourQuoteAndMine
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